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लेखनी प्रतियोगिता -17-Dec-2022

🌹🌹💓💓 अजनबी💓💓 🌹🌹
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आओ फिर से अजनबी बन जाए हम।
वही प्यार के अनमोल गीत गाए हम।

तुम खो गई जिन्दगी कि रैलम पेल में।
बच्चों को बड़ा कर उच्चपद आसीन कराने में।
आओ फिर से अजनबी बन जाए हम।

खो गए दायित्व में, बिसरे जिन्दगी को।
भूल गए हंसी के भी पल जैसे शब्द को।
आओ फिर से अजनबी बन जाए हम।

आज जब बच्चों ने बसा लिया अपना  नीड।
उड़ कर संवार ली अपने बच्चों की दुनियां उस नीड में।
आज हम वही दो के दो है, अब खो जाए फुरसत के पलो में।

आओ फिर से अजनबी बन जाए हम।
वही प्यार के अनमोल गीत गाए हम।
पुराने बचे हुए सपनों को फिर से सजाएं हम।

विजय पोखरणा "यस"
अजमेर
17.12.2022

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5 Comments

Rajeev kumar jha

18-Dec-2022 10:22 AM

शानदार

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Punam verma

18-Dec-2022 09:42 AM

Very nice

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Abhinav ji

18-Dec-2022 09:06 AM

Very nice👍👍

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